हैलो दोस्तों, आज मैं आपके लिए कुछ matlabi shayari लेकर आया हूँ, जो उन लम्हों को बयान करती हैं जब हमें एहसास होता है कि दुनिया में कितने मतलबी लोग हैं, या शायद हम खुद कितने मतलबी हो गए हैं। ये शायरी उस एहसास की पुकार है, जब दिल चुपचाप सहता है और आँखें उन भावनाओं को छुपाने की कोशिश करती हैं, जो किसी से कहे नहीं जाते।
मतलबी होना या मतलबी लोगों से मिलना, कोई आसान बात नहीं होती। ये वो दर्द है जो सीने में चुभता है, जब वो भरोसा टूट जाता है जिसे हमने बड़े प्यार से बनाया था। कभी-कभी ये एहसास हमें इतना गहरा ले जाता है कि हर याद एक सवाल बनकर रह जाती है – “क्यों?” लेकिन सच तो ये भी है कि ये अनुभव ही हमें अपनी असली ताकत का एहसास कराता है, हमें सिखाता है कि जिंदगी में हर निराशा के बाद भी आगे बढ़ना है।
तो दोस्तों, अगर ये matlabi shayari आपके दिल को छू जाए, तो इन्हें अपने एहसासों के साथ महसूस करें। और हाँ, अगर मन करे तो इन्हें अपने दोस्तों के साथ शेयर करें, शायद उनके दिल का एहसास भी इन लफ्जों में कहीं अपनी जगह पा ले।
Matlabi Dost (Selfish Friends) Shayari

यार वो जो सिर्फ़ काम के वक्त आते,
बिना मतलब के कभी ना याद करते।
उधार लेने आए, वापस ना दिया,
दोस्ती का नाम लेके, दिल को छलिया।
मेरी तरक्की से जलता है दिल उनका,
दोस्त के रूप में छुपा है दुश्मन संका।
पीछे से करते हैं बातें बुरी,
सामने से दिखाते हैं दोस्ती की रोशनी।
सफलता देखी तो मुँह फेर लिया,
दोस्त नहीं, मतलब का साया था वो।
मुश्किल में छोड़ा, साथ ना दिया,
मतलब ख़त्म, तो रिश्ता भी ख़लिया।
शान के लिए मुझे साथ रखते,
अंदर से दिल में ज़हर भरते।
काम के लिए ही बुलाते हैं यार,
वरना तो भूल जाते हैं बेकार।
जन्मदिन मेरा वो भूल गए,
अपना आया तो तोहफे माँग लाए।
झूठ बोलकर मतलब निकाल लिया,
दोस्ती का भरम भी टाल दिया।
मुझसे लड़ते, साथ ना देते,
दोस्त नहीं, सिर्फ़ खुद को चाहते।
ज़रूरत पड़ी तो बन गए मीठे,
काम हुआ तो फिर गए चीठे।
मदद माँगी तो मुँह फेर लिया,
मतलबी दोस्त ने दिल चीर दिया।
पीछे से मज़ाक उड़ाते हैं वो,
दोस्ती का नाम बदनाम करते हो।
मेरे मौक़े को छीन लिया,
दोस्त के रूप में फ़रेब दिया।
सबके सामने दिखावा करते,
अकेले में मुझे भूल मरते।
राज़ मेरा दुश्मन को बताया,
मतलब के लिए दोस्ती ठुकराया।
मेरे रिश्तों से काम बनाया,
दोस्त नहीं, मतलब का धोखा खाया।
खुशी में जलते, छुपाते ईर्ष्या,
दोस्ती का रंग है मतलबी फ़र्शा।
सिर्फ़ अपनी बातें सुनाते हैं,
मेरी सुनने को ना वक़्त देते हैं।
वादा करके मुकर गए वो,
दोस्ती में मतलब ही रखते हो।
भरोसा करो तो धोखा देते,
मतलबी दोस्त कभी ना साथ देते।
मेहरबानी मेरी का फ़ायदा उठाया,
दोस्ती का झूठा रंग दिखाया।
अच्छा वक्त हो तो साथ हैं यार,
बुरा आया तो गए बेकार।
फ़ायदा देखा तो दोस्त बन गए,
नुकसान हुआ तो पराए हो गए।
दो चेहरे रखते हैं मतलब के यार,
सामने एक, पीछे एक अवतार।
चालाकी से दिल को बहलाते हैं,
मतलब के लिए दोस्ती चलाते हैं।
इस्तेमाल करते हैं जब तक काम,
फिर भूल जाते हैं मेरा नाम।
अच्छे दिन में साथ दिखाते,
बुरे दिन में आँख चुराते।
Matlabi Ishq Shayari Hindi (Selfish Love)

इश्क़ नहीं, बस जिस्म का मतलब है,
प्यार के नाम पे दिल का सौदा है।
बेहतर मिला तो बेवफ़ा हो गए,
वफ़ा का वादा सारा झूठा हो गए।
दौलत के लिए प्यार जताया,
दिल नहीं, बस मतलब छुपाया।
दुश्मन को जलाने के लिए,
मुझे प्यार का हथियार बनाया दिए।
दिल से नहीं, बस वक़्त गुज़ारते,
मतलबी इश्क़ में आँखें फेरते।
झूठ बोलकर दिल को बहलाया,
मतलब के लिए प्यार ठुकराया।
क़ब्ज़ा करना चाहते हैं हर बात पे,
इश्क़ नहीं, मतलब की चाहत पे।
सिर्फ़ अपनी ख़ुशी देखते हैं वो,
मेरा दर्द उनको छूता नहीं वो।
अकेलेपन से भागते हैं साथ मेरे,
प्यार नहीं, बस मतलब के घेरे।
शादी का वादा करके मुकर गए,
मतलब पूरा हुआ तो छोड़ गए।
दुनिया के सामने शर्मिंदगी,
मेरे प्यार में नहीं, मतलब की ज़िंदगी।
बोर हुए तो याद किया मुझे,
इश्क़ नहीं, मतलब ने बुलाया तुझे।
क़दर नहीं मेरी, बस इस्तेमाल करते,
मतलबी इश्क़ में दिल को मरते।
हमेशा बेहतर की तलाश में,
मेरा प्यार है उनकी आस में।
झूठा प्यार दिखाते हैं वो,
मतलब के लिए दिल जलाते हैं वो।
इश्क़ को बनाया एक हथियार,
दिल को तोड़ा, मतलब का व्यापार।
जो दे सकता हूँ, उसकी चाहत,
प्यार नहीं, बस मतलब की इबादत।
ज़रूरत पड़ी तो साथ छोड़ा,
मतलबी इश्क़ ने दिल तोड़ा।
कभी गरम, कभी ठंडा प्यार,
मतलब के लिए बनाया एक बाज़ार।
खेल खेलते हैं दिल के साथ,
इश्क़ नहीं, मतलब का है साथ।
बेवफ़ा बनके दिल को दुखाया,
मतलब के लिए प्यार ठुकराया।
सुख में मतलब, दुख में ना साथ,
इश्क़ का झूठा है ये व्यवहार।
सीमा मेरी ना मान सके वो,
मतलबी इश्क़ में दिल जला सके वो।
शान के लिए साथ रखते हैं,
प्यार नहीं, मतलब से भरते हैं।
भावनाओं से खेलते हैं वो,
मतलब के लिए दिल चीर देते हो।
क़ब्ज़ा चाहते हैं, वफ़ा नहीं,
इश्क़ में भी मतलब की आगाही।
शुरुआत में प्यार, फिर बेवफ़ाई,
मतलब के लिए दिल की रूसवाई।
सुहाना वक़्त तक साथ रहे,
मतलब ख़त्म तो दूर गए।
वक़्त मेरा बर्बाद करते हैं,
मतलबी इश्क़ में दिल मरते हैं।
बेहतर आया तो छोड़ दिया,
प्यार नहीं, मतलब का साया लिया।
Matlabi Duniya (Selfish World) Shayari

दुनिया मतलबी, बस अपने फ़ायदे की,
सच्चाई यहाँ बिकती है दाम पे छोटी सी।
नेतागिरी में मतलब का खेल है,
जनता का दुख, बस अपनी जेब में मेल है।
ग़रीब की चीख़ कोई ना सुनता,
मतलबी दुनिया में अमीर ही छंटता।
मज़दूर का शोषण, मतलब का जाल,
फ़ायदा देखा तो बन गया हाल।
तबाही ज़मीन की, मतलब के लिए,
दुनिया ने हरियाली को छोड़ दिया पीए।
इंसानियत यहाँ मतलब से हारी,
दिल में भी अब खुदगर्ज़ी भरी।
दुख देखा पर आँख फेर ली,
मतलबी दुनिया ने दिल से दूरी ली।
झूठ का बाज़ार यहाँ रोज़ लगता,
सच का दाम कोई ना तकता।
दोस्त भी यहाँ मतलब के साथी,
दुनिया ने बनाया रिश्ता बासी।
अदालत में भी मतलब ही चलता,
सच का गला यहाँ दब जलता।
धन के आगे प्यार ना देखा,
मतलबी दुनिया ने दिल को भेदा।
भूखे को रोटी ना देते हैं लोग,
मतलब के बिना ना देते हैं रोग।
शान के लिए इंसान बिकता है,
दुनिया में मतलब ही दिखता है।
दर्द किसी का ना दिल को छू सके,
मतलबी लोग बस अपना सोच सके।
बराबरी का सपना यहाँ टूटा,
मतलब ने हर रिश्ता लूटा।
सेवा का दिखावा, मतलब का ढोंग,
दुनिया के रंग हैं सबसे स्ट्रॉन्ग।
सच बोलने वाले यहाँ सज़ा पाते,
मतलबी लोग ही यहाँ राज करते।
दुख के समय कोई साथ ना आए,
मतलब ख़त्म तो सब पराए।
इज़्ज़त भी यहाँ मतलब से तोली,
दुनिया ने प्यार को बनाया होली।
अंधेरा दिल में, मतलब की चाहत,
रोशनी का यहाँ ना कोई रास्ता।
धोखा देते हैं हर कदम पे लोग,
मतलबी दुनिया का यही है रोग।
बीमारी में भी मतलब ढूँढते,
इंसानियत को यहाँ चूर देते।
फ़ायदा देखा तो हाथ मिलाया,
नुकसान हुआ तो रिश्ता ठुकराया।
प्यार का नाम यहाँ मतलब के साथ,
दुनिया ने बनाया झूठा व्यवहार।
ज़मीन के लिए ख़ून बहाया,
मतलबी दुनिया ने सब गँवाया।
दुआ भी यहाँ मतलब से माँगी,
दिल की सच्चाई यहाँ ना झांकी।
दोस्ती, प्यार सब मतलब का खेल,
दुनिया में सच का ना कोई मेल।
इंसान को इंसान ना समझ सके,
मतलब के आगे सब हार गए।
ख़ुशी भी यहाँ मतलब से आई,
दुनिया ने दिल को बनाया परछाई।
हर चेहरा यहाँ मतलब का मास्क है,
सच्चाई का यहाँ ना कोई टास्क है।
Matlabi Rishte (Selfish Relationships) Shayari

रिश्ते अब मतलब के बंधन बने,
बिना फ़ायदे के ना कोई साथ आने।
विरासत के लिए ख़ून के रिश्ते लड़े,
प्यार का बंधन पैसों पे गढ़े।
सगे यहाँ मतलब के लिए आते,
ज़रूरत ना हो तो ना याद कराते।
भाई ने भाई को छोड़ दिया,
मतलब के लिए प्यार को मोड़ दिया।
माँ-बाप भी अब मतलब से प्यार करें,
काम ना हो तो ना ख़बर लें।
त्यौहार पे आते हैं रिश्तेदार,
मतलब पूरा हुआ तो गए बेकार।
अपने ही अब पराए बन जाते,
मतलब ख़त्म तो दिल से हटाते।
क़दर नहीं रिश्तों की यहाँ,
मतलब के बिना ना कोई वहाँ।
बहन ने भाई का साथ छोड़ा,
मतलब के लिए दिल को तोड़ा।
चाचा, मामा मतलब के यार,
प्यार का रिश्ता बन गया बेकार।
शादी में आए, मतलब के लिए,
दुःख में कोई ना साथ दिए।
दोस्त नहीं, रिश्ते भी मतलबी,
दिल से दिल का नाता खाली।
फ़ायदा देखा तो प्यार जताया,
नुकसान हुआ तो मुँह फेर आया।
घर में भी अब मतलब का खेल,
प्यार का बंधन बन गया झेल।
अपनों का धोखा दिल को छू गया,
मतलबी रिश्ते ने सब खो दिया।
ज़रूरत के वक़्त ही याद करते,
बिना काम के ना दिल से मरते।
रिश्तों का रंग अब मतलब से भरा,
सच्चा प्यार यहाँ बन गया सड़ा।
बुज़ुर्ग भी अब मतलब से बोलते,
प्यार का रिश्ता यहाँ डोलते।
सेवा का दिखावा, मतलब का जाल,
रिश्ते बन गए एक व्यावसायिक हाल।
अपने ही अपनों से जलते हैं,
मतलब के लिए दिल चीर देते हैं।
बंधन में भी अब खुदगर्ज़ी है,
प्यार का रिश्ता अब दुर्गति है।
धन के लिए रिश्ते टूट जाते,
मतलब के बिना ना दिल मिल पाते।
मदद माँगी तो बहाने बनाए,
मतलबी रिश्तों ने दिल दुखाए।
प्यार का नाम लेकर मतलब निकाले,
रिश्तों को यहाँ दाम पे तौले।
घर के लोग भी मतलब के साथी,
दिल का रिश्ता बन गया बासी।
वादा करके रिश्ते ना निभाए,
मतलब के लिए सब भुलाए।
भरोसा किया तो धोखा मिला,
मतलबी रिश्तों ने दिल हिला।
दुःख में कोई साथ ना आया,
मतलब ख़त्म तो सब पराया।
रिश्तों में भी अब बाज़ार लगा,
प्यार का मोल यहाँ ना कोई जगा।
अपनों ने भी मतलब से प्यार किया,
दिल का रिश्ता अब खाली किया।
Matlabi Zindagi (Selfish Life) Shayari

ज़िंदगी ने सिखाया मतलब का राग,
सच्चे दिल वाले मिलते हैं आज।
अपने लिए जीना ही यहाँ सीखा,
मतलबी ज़िंदगी ने दिल को चीखा।
एकांत में सुकून अब मिलता है,
मतलबी लोगों से दिल ऊबता है।
भरोसा किया तो धोखा पाया,
ज़िंदगी ने मतलब का सबक दिया।
आस है पर मतलबी दुनिया में,
सच्चा प्यार मिलना मुश्किल है यहाँ में।
मतलब के पीछे ज़िंदगी भागी,
दिल की ख़ुशी यहाँ ना जागी।
हर कदम पे मतलब का साया,
ज़िंदगी ने प्यार को ठुकराया।
खुदगर्ज़ी से सीखा जीना यहाँ,
दिल का रिश्ता टूटा यहाँ वहाँ।
दर्द मिला पर सीख भी आई,
मतलबी ज़िंदगी ने अक़्ल बनाई।
सच्चाई की तलाश में घूमता हूँ,
मतलबी ज़िंदगी में ठोकर खाता हूँ।
अपने दम पे खड़ा होना सीखा,
मतलबी लोगों ने दिल को चीखा।
प्यार का सपना अब छोड़ दिया,
ज़िंदगी ने मतलब का रंग लिया।
मतलबी सफर में अकेला चला,
दिल का दर्द अब खुद से मिला।
हर चेहरा यहाँ मतलब का ढोंग,
ज़िंदगी का सच है ये स्ट्रॉन्ग।
ख़ुशी भी यहाँ मतलब से आती,
ज़िंदगी ने दिल को बनाया परछाई।
वफ़ा की उम्मीद अब छोड़ दी है,
मतलबी ज़िंदगी ने आँख खोली है।
दुःख से सीखा, खुद को संभाला,
मतलबी ज़िंदगी में दिल को निकाला।
लोगों के बीच भी तन्हा रहा,
ज़िंदगी ने मतलब का दर्द सहा।
हर रिश्ता यहाँ मतलब से जोड़ा,
ज़िंदगी ने दिल का बंधन तोड़ा।
अपने लिए जीना ही बेहतर लगा,
मतलबी ज़िंदगी का ये सबक जगा।
सच्चा प्यार ढूंढता हूँ अब भी,
मतलबी ज़िंदगी में मिलता है कभी।
ज़िंदगी का हर पल मतलबी है,
दिल का सुकून यहाँ अजनबी है।
खुद को समझना पड़ा यहाँ,
मतलबी लोगों से दूर रहा यहाँ।
दर्द से सीखा, हिम्मत बनाई,
ज़िंदगी ने मतलब की छाया दिखाई।
मतलब के बिना कोई साथ ना दे,
ज़िंदगी ने ये बात समझ ली जे।
हर मोड़ पे मतलब का इम्तिहान,
ज़िंदगी का ये है अनजान समान।
दिल अब भरोसा ना करता है किसी पे,
मतलबी ज़िंदगी ने सब सिखा दिया जी पे।
सफ़र में मतलबी लोग मिले,
ज़िंदगी ने दिल को अकेला किए।
मतलबी ज़िंदगी में भी एक आस है,
सच्चा रिश्ता कभी तो पास है।
Best Matlabi Shayari Video
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तो दोस्तों, ये थीं कुछ मतलबी शायरी जो शायद आपके दिल के किसी कोने को छू गई हों। जिंदगी में मतलबी लोग आएँगे, भरोसा टूटेगा, पर हर बार ये दर्द हमें कुछ नया सिखाकर जाता है। अगर इन लफ्जों में आपको अपना एहसास मिला हो, तो इसे अपने दिल के करीब रखें।
और हाँ, अपने दोस्तों को भी सुनाएँ, शायद उनकी भी कोई बात इन शायरियों में छुपी हो। मिलते हैं फिर किसी नए एहसास के साथ, तब तक के लिए, अपना ख्याल रखना!